सीएम मोहन यादव की बड़ी घोषणा कहा
लव जिहाद पर कड़ा कानून लागू, अब धर्मांतरण पर मौत की होगी सजा
मध्य प्रदेश में जनवरी 2020 से जुलाई 2025 तक 283 लव जिहाद मामले दर्ज हुए, जिनमें 71 नाबालिग लड़कियां शामिल हैं. राज्य सरकार ने धर्मांतरण प्रतिबंध अधिनियम, 2021 के तहत कार्रवाई तेज।
भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा को मंगलवार को बताया किया गया कि जनवरी 2020 से 15 जुलाई 2025 तक प्रदेश में कथित “लव जिहाद” के 283 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से 71 मामले नाबालिग लड़कियों से संबंधित हैं. यह जानकारी बीजेपी विधायक आशीष गोविंद शर्मा के सवाल के जवाब में दी गई. ये मामले मध्य प्रदेश धर्मांतरण प्रतिबंध अधिनियम, 2021 के तहत दर्ज किए गए हैं, जिसमें इंदौर और भोपाल शीर्ष स्थान पर हैं.
विधायक शर्मा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से पूछताछ की कि इन मामलों की संख्या कितनी है, कितने मामलों में नाबालिग शामिल हैं, उनका वर्तमान कानूनी हाल क्या है, और राज्य सरकार ने इन घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं.मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश धर्मांतरण प्रतिबंध अधिनियम, 2021, जो 27 मार्च 2021 से लागू है, राज्य को धोखे या दबाव में कराए गए धार्मिक धर्मांतरण, विशेषकर कमजोर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार देता है.इसके लागू करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने 4 मई को एक राज्य-स्तरीय विशेष जांच टीम भी बनाई है. प्रदेश के विभिन्न थानों में दर्ज कुल 283 मामलों में से 197 मामले कोर्ट में हैं. जिलेवार आंकड़ों में इंदौर में 74 मामले सबसे अधिक हैं, उसके बाद भोपाल में 33 मामले हैं. ये दोनों शहर राज्य के कुल “लव जिहाद” मामलों का 40% हिस्सा हैं. अन्य शहरों में खंडवा और उज्जैन में 12-12, जबकि छतरपुर में 11 मामले दर्ज हैं.
अधिनियम के तहत दोषी को 10 साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. यह कानून सामूहिक धर्मांतरण को भी कवर करता है. इस अधिनियम के अनुसार, जो कोई भी धर्म परिवर्तन करना चाहता है, उसे 60 दिन पहले जिला मजिस्ट्रेट को पूरी जानकारी के साथ घोषणा करनी होती है. वहीं कोई भी धार्मिक पुरोहित जो धर्मांतरण समारोह आयोजित करना चाहता है, उसे भी 60 दिन पहले कलेक्टर को सूचना देनी होती है.
8 मार्च को मुख्यमंत्री यादव ने कहा था कि उनकी सरकार लड़कियों के धार्मिक धर्मांतरण पर मौत की सजा लागू करेगी. उन्होंने कहा था, “लड़कियों के साथ दुष्कर्म पर मौत की सजा के बाद अब धर्मांतरण के लिए भी मौत की सजा प्रदेश में लागू की जाएगी.”
मजदूरी कानून संशोधनों को हरी झंडी
मध्य प्रदेश विधानसभा ने मंगलवार को दो महत्वपूर्ण श्रम सुधार बिल पास किए, जिनका उद्देश्य कार्य समय में अधिक लचीलापन लाना और श्रमिक कल्याण सुनिश्चित करना है. सरकार ने कहा कि बदलती अर्थव्यवस्था की आवश्यकताओं के अनुसार काम के घंटों, विश्राम अंतराल और बढ़े हुए कार्य समय से संबंधित प्रावधानों में लचीलापन जरूरी है.सरकार ने बताया कि नियोक्ताओं और कर्मचारियों के बीच संतुलित संबंध ही एक ऐसा माहौल बनाता है जो औद्योगिक प्रतिस्पर्धा और श्रमिक कल्याण दोनों को बढ़ावा देता है.मध्य प्रदेश फैक्ट्रीज (संशोधन) बिल, 2025 और मध्य प्रदेश दुकान और प्रतिष्ठान (संशोधन) बिल, 2025 को विधानसभा में मंजूरी दी गई.