खर्च का हिसाब-किताब देने पर ही दुर्गा पूजा समितियों को मिलेगा अनुदान 

कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिया आदेश

खर्च का हिसाब-किताब देने पर ही दुर्गा पूजा समितियों को मिलेगा अनुदान 

खर्च का लेखा-जोखा या 'उपयोगिता प्रमाण पत्र' जमा न करने पर दुर्गा पूजा समितियों को अनुदान नहीं दिया जाएगा।

निज संवाददाता : खर्च का लेखा-जोखा या 'उपयोगिता प्रमाण पत्र' जमा न करने पर दुर्गा पूजा समितियों को अनुदान नहीं दिया जाएगा। कलकत्ता हाई कोर्ट  ने बुधवार को यह स्पष्ट कर दिया। इस बार भी दुर्गा पूजा समितियों को अनुदान देने के संबंध में अदालत में एक मामला दायर किया गया है। कथित तौर पर, इस बात का कोई हिसाब नहीं है कि पैसा कैसे खर्च किया जा रहा है। सुनवाई के बाद, न्यायमूर्ति सुजॉय पाल और न्यायमूर्ति स्मिता दास की पीठ ने आदेश दिया कि अनुदान तभी दिया जाएगा जब वे व्यय का लेखा-जोखा जमा करें। पूजा के दौरान दुर्गा पूजा समितियों को अनुदान देने के संबंध में उच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया गया है। पिछली सुनवाई में, न्यायमूर्ति सुजॉय पाल की खंडपीठ ने राज्य को एक हलफनामा प्रस्तुत करने और सभी संबंधित जानकारी प्रदान करने का आदेश दिया था। बुधवार को हुई उस सुनवाई में, अदालत ने अनुदान को अस्वीकार नहीं किया था। हालांकि, न्यायमूर्ति सुजॉय पाल और न्यायमूर्ति स्मिता दास की खंडपीठ ने एक शर्त रखी। अदालत ने आदेश दिया कि केवल उन्हीं समितियों को पैसा मिलेगा जिन्होंने व्यय का लेखा-जोखा जमा किया है। जो लोग 'उपयोगिता प्रमाण पत्र' जमा नहीं कर पाए या नहीं किए, उन्हें पैसा नहीं दिया जाएगा। अदालत ने यह भी कहा कि पिछले आदेश के अनुसार, पूजा समितियों को इस बार भी उपयोग प्रमाण पत्र जमा करना होगा। यह प्रमाण पत्र निर्धारित समय के भीतर जमा करना होगा। कितनी पूजा समितियों को सरकारी अनुदान मिलता है? राज्य के हलफनामे में अदालत को बताया गया कि पिछले साल, कोलकाता पुलिस क्षेत्र में 2876 पूजा समितियों को अनुदान दिया गया था। शहर की प्रत्येक पूजा समिति ने समय सीमा के भीतर अनुदान व्यय खाता या 'उपयोगिता प्रमाण पत्र' जमा किया। जिला पुलिस द्वारा 41799 चेक तैयार किए गए थे। उनमें से 41795 पूजा समितियों को यह अनुदान मिला। 41792 पूजा समितियों ने व्यय खाता जमा किया। सिलीगुड़ी में 3 पूजा समितियों ने 'उपयोगिता प्रमाण पत्र' जमा नहीं किया। पिछली सुनवाई में, राज्य की ओर से महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने कहा था कि मुख्यमंत्री लोगों के हित में अनुदान की घोषणा करते हैं लेकिन कोर्ट ने हलफनामा दाखिल करने को कहा। 
गौरतलब है कि राज्य ने 2019 में दुर्गा पूजा समितियों को 25,000 रुपये देने की घोषणा की थी। 2020 में अनुदान की राशि बढ़ाकर 50,000 रुपए  करने की घोषणा की गई थी। इस बार अनुदान बढ़ाकर 1 लाख 10 हज़ार रुपए  कर दिया गया है। अनुदान रोकने के लिए फिर से मुकदमा दायर किया गया, लेकिन वह बच नहीं पाया।

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