सरकार ने की तैयानपा और नगर परिषद अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रोकने की मोहनरी
मध्यप्रदेश सरकार ने नगर पालिका और परिषद अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रोकने की तैयारी कर ली है।
मध्यप्रदेश सरकार ने नगर पालिका और परिषद अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रोकने की तैयारी कर ली है। सरकार नियमों में बदलाव कर नया अध्यादेश ला रही है। सरकार के इस फैसले से अध्यक्षों के खिलाफ हो रही 'बगावत' रुकेगी। मोहन कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी।
भोपालः अब नगर सरकार से 'बगावत' करने वालों का मुंह बंद करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने नया पैंतरा चल दिया है। नगरपालिका और नगर परिषद अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को रोकने के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी जोरों पर है। इस अध्यादेश में ऐसा प्रावधान होगा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को शिकायतों के आधार पर पद से नहीं हटाया जा सकेगा। इससे संबंधी एक प्रस्ताव को कैबिनेट की मीटिंग में स्वीकृति प्रदान की गई है।
तब यह था नियम
आपको बता दें कि करीब 1 वर्ष पहले तक नपा या नगर परिषद के अध्यक्ष को हटाने के लिए नियम था। इसमें निर्वाचन के दो साल बाद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता था। साथ ही दो-तिहाई बहुमत के साथ पार्षद अविश्वास प्रस्ताव ला सकते थे। लेकिन सरकार ने एक साल पहले ही एक नया नियम लागू किया था। इसके तहत अविश्वास प्रस्ताव लाने की न्यूनतम अवधि दो साल से बढ़ाकर तीन साल कर दी थी। पार्षदों के समर्थन की शर्त भी तीन-चौथाई की गई थी।
अध्यादेश लाने की वजह आई सामने
आपको बता दें कि प्रदेश में वर्ष 2022 में नगर पालिका और परिषद के चुनाव हुए थे। अब जल्द ही अध्यक्षों का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है। अविश्वास प्रस्ताव लाने का समय होने लगा है। कई निकायों में विरोध के स्वर उठ रहे हैं। प्रदेश के कुछ जिलों में मामले सामने आए। इसमें देवरी में नगर पालिका अध्यक्ष को हटाया गया। वहीं, शिवपुरी नपा में बीजेपी के अधिकतर पार्षद अध्यक्ष के खिलाफ उतरे। साथ ही अविश्वास प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी।
इन्हें अविश्वास से परहेज
इधर, कई जिलों में नगर पालिका और परिषद अध्यक्षों को पद जाने का डर सताने लगा है। ऐसे में मध्यप्रदेश नगर पालिका अध्यक्ष संघ ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की अवधि को तीन साल से बढ़ाकर पूरे पांच साल करने की बात कही है।
अध्यक्षों के प्रत्यक्ष चुनाव की व्यवस्था
मोहन सरकार नगर पालिका और नगर परिषद चुनावों में भी नगर निगम महापौर की तरह जनता सीधे अध्यक्ष चुन सकती है। कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार प्रत्यक्ष प्रणाली से नपा और नगर परिषद अध्यक्ष चुनाव कराने की तैयारी कर रही है।