भर्ती भ्रष्टाचार मामले में मंत्री चंद्रनाथ सिंह ईडी के सामने पेश नहीं हुए
जांच एजेंसी से मांगा समय
प्राथमिको भर्ती भ्रष्टाचार मामले में राज्य के मंत्री चंद्रनाथ सिंह एक बार फिर केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। उन्हें गुरुवार को ईडी कार्यालय में पेश होना था।
निज संवाददाता : प्राथमिको भर्ती भ्रष्टाचार मामले में राज्य के मंत्री चंद्रनाथ सिंह एक बार फिर केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। उन्हें गुरुवार को ईडी कार्यालय में पेश होना था। हालांकि, बोलपुर से तृणमूल विधायक और राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ने पेश होने से परहेज किया। इस तरह उन्होंने दूसरी बार ईडी के समन को नजरअंदाज कर दिया। इस स्थिति में ईडी क्या कार्रवाई करेगा? इस पर गहन चर्चा शुरू हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक, चंद्रनाथ सिंह गुरुवार को भी अपने आवास पर थे। उन्होंने ईडी को बताया कि आवश्यक दस्तावेज अभी तक तैयार नहीं हुए हैं, इसलिए उन्होंने समय मांगा है। हालांकि, उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसी को आश्वासन दिया कि वह संपत्ति से संबंधित सभी दस्तावेज तैयार करने के बाद बहुत जल्द पेश होंगे। गौरतलब है कि जांच एजेंसी ने चंद्रनाथ और उनके परिवार की चल-अचल संपत्तियों का पूरा ब्योरा मांगा है। लेकिन जांचकर्ताओं का मानना है कि तय दिन पर मंत्री के न आने से जांच की गति धीमी पड़ गई है।
ईडी ने इससे पहले बीते 26 जुलाई को मंत्री को तलब किया था। हालांकि, वे उस समय भी पेश नहीं हुए थे। उसी दिन सुबह ईडी ने चंद्रनाथ सिंह के घर की तलाशी ली। वहां से 41 लाख रुपये नकद बरामद हुए और मंत्री का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया। बाद में पता चला कि उस मोबाइल की फोरेंसिक जाँच के लिए उन्हें फिर से बुलाया गया था। लेकिन इस बार भी उनकी अनुपस्थिति जांच को उलझा रही है। ईडी सूत्रों के अनुसार, चंद्रनाथ का नाम निष्कासित तृणमूल नेता कुंतल घोष के साथ वित्तीय लेन-देन से जुड़े सुरागों के आधार पर सामने आया है। जांच एजेंसी ने उसी सुराग के आधार पर उनसे पूछताछ करने की योजना बनाई थी। चूँकि वह दो बार तलब किए जाने के बावजूद पेश नहीं हुए, अब सवाल यह उठता है कि क्या ईडी चंद्रनाथ सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रहा है? जाँच से उनके बार-बार अनुपस्थित रहने से मामले की दिशा पर कितना असर पड़ेगा? राजनीतिक गलियारों में अब इसी पर ध्यान केंद्रित है।