कई कारकों पर निर्भर करती है ज्योतिषीय भविष्यवाणी
इसमें हमेशा बनी रहती है सही या गलत होने की संभावना
ज्योतिषीय भविष्यवाणी कई कारकों पर निर्भर करती है, इसलिए इसमें सही या गलत होने की संभावना हमेशा बनी रहती है|
निज संवाददाताः ज्योतिषीय भविष्यवाणी कई कारकों पर निर्भर करती है, इसलिए इसमें सही या गलत होने की संभावना हमेशा बनी रहती है| जैसे परेशान व्यक्ति किसी मनोचिकित्सक, काउंसलर से जीवन की उलझनों को सुलझाने के लिए परामर्श एवं मार्गदर्शन लेता है, उसी प्रकार से ज्योतिषीय भविष्यवाणी एवं सहायता को भी एक मार्गदर्शन के रूप में लेना चाहिए और उसके आधार पर सफल निर्णय लेना चाहिए| ज्योतिष शास्त्र पर विश्वास न रखने वाले कहते हैं, ‘ज्योतिष द्वारा की गई भविष्यवाणी या तो सटीक, तीर के समान होती है, नहीं तो पूरी तरह से तुक्का साबित होती है|’ भविष्यवाणी की अनिश्चितता और उसकी संभावनाएं मानव मन में शंका पैदा करती हैं| ज्योतिषीय सिद्धांतों के अनुसार, ग्रहों की स्थिति और उनकी चाल का अध्ययन करके भविष्य की घटनाओं का अनुमान लगाया जाता है|
ज्योतिषीय भविष्यवाणी विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि व्यक्ति की जन्म कुंडली, दशा और अंतरदशा, गोचर, और अन्य ग्रहों के साथ युति और दृष्टि सम्बन्ध| इन सभी कारणों का सही-सही अध्ययन और विश्लेषण करना प्रत्येक ज्योतिषी के लिए उसकी क्षमता अनुसार चुनौतीपूर्ण रहता है| एक ही ग्रह स्थिति और योग अलग-अलग व्यक्तियों के जीवन में अलग-अलग प्रभाव डाल सकते हैं| यह उनके व्यक्तिगत अनुभवों, कर्मों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है| भविष्यवाणियों की सटीकता समय और परिप्रेक्ष्य पर भी निर्भर करती है| किसी घटना का समय बदलने पर भविष्यवाणी का परिणाम भी बदल सकता है| ज्योतिषीय गणना बहुत जटिल होती है, और कभी-कभी थोड़ी सी गलती भी परिणाम को बदल सकती है|
ज्योतिषी अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर भविष्यवाणी करते हैं, फिर भी यह जरूरी नहीं कि हर भविष्यवाणी सौ प्रतिशत सटीक हो, इसलिए, भविष्यवाणियों को मार्गदर्शन के रूप में लेना चाहिए| भविष्यवक्ताओं में देवता के समान सम्मानित ऐतिहासिक नक्षत्र वेत्ता ज्योतिष महर्षियों के कथन अनुसार, ‘परमात्मा ने भविष्य के ज्ञान-दर्शन हेतु ज्योतिष शास्त्र का दिव्य ज्ञान दिया है ताकि मानव मात्र अपने क्रियाकलापों एवं कर्मों में संशोधन कर अपनी और समाज की किस्मत सुधार सके|’