पीपल, बरगद और इमली पेड़ के पास रात में क्यों नहीं जाते

क्या होता है भूतों का वास?

पीपल, बरगद और इमली पेड़ के पास रात में क्यों नहीं जाते

कई लोग मानते हैं कि इमली, पीपल और बरगद जैसे पेड़ों पर भूत-प्रेत और आत्माओं का वास होता है। इसलिए इन पेड़ों के पास खासकर रात के समय जाने से परहेज किया जाता है।

भूत-प्रेत और आत्माओं पर विश्वास केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व की कई संस्कृतियों में पाया जाता है। हिंदू धर्म में पेड़-पौधों का विशेष स्थान होता है और कुछ पेड़ों को देवताओं का वास स्थान माना जाता है।

पीपल का पेड़

पीपल को वृक्षों का राजा कहा जाता है। माना जाता है कि इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है, साथ ही पितरों की आत्माएं भी इसमें निवास करती हैं। इसलिए रात के समय पीपल के पास नहीं जाना चाहिए।

बरगद का पेड़

बरगद भी हिंदू धर्म में पवित्र वृक्ष है। लोक मान्यताओं के अनुसार, बरगद के पेड़ में भूत-प्रेत का आश्रय हो सकता है। इसके अलावा, बरगद सामान्यतः निर्जन स्थानों पर पाया जाता है, जिससे इसे भूत-प्रेतों से जोड़ा जाता है।

इमली का पेड़

बुजुर्गों का कहना है कि इमली के पेड़ में भूत-प्रेत का वास होता है। इसलिए इसे घर या आंगन में लगाने से बचना चाहिए। वास्तुशास्त्र के अनुसार भी, इमली घर में नकारात्मक ऊर्जा फैलाता है।

कपास का पेड़

जैसे-जैसे कपास का पेड़ पुराना होता है, मान्यता है कि उसमें भूत-प्रेत का कब्जा हो सकता है। इसलिए रात में इसके आस-पास ज्यादा देर नहीं रुकना चाहिए।

भूत-प्रेत की मान्यताएं मिथक या वास्तविक?

पेड़ों में भूत-प्रेत के वास का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं पाया गया है। ये मान्यताएं सुरक्षा कारणों से, अंधेरे में अनजान इलाकों में सावधानी बरतने के लिए प्रचलित हो सकती हैं।

रात के समय पेड़ों के पास न जाने की सलाह का एक वैज्ञानिक कारण यह भी बताया जाता है कि पेड़ रात में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) छोड़ते हैं, जो सांस लेने में दिक्कत और घबराहट पैदा कर सकता है। इसे प्राचीन समय में भूत-प्रेत का संकेत समझ लिया जाता था।


इन मान्यताओं के पीछे सुरक्षा और पर्यावरणीय तथ्य दोनों हो सकते हैं, इसलिए इन्हें पूरी तरह मिथक या वास्तविक मानना उचित नहीं होगा।


 

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