आखिर 5 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं शिक्षक दिवस?

अमेरिका, चीन, रूस जैसे कई देशों में यह दिन अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है

आखिर 5 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं शिक्षक दिवस?

शिक्षक क्यों हैं खास
शिक्षक हमारे जीवन को सही दिशा दिखाने वाले मार्गदर्शक होते हैं. वे हमें सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि सही और गलत का फर्क बताते हैं, अच्छे इंसान बनने की सीख देते हैं और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करते हैं.

आखिर 5 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं शिक्षक दिवस?
शिक्षक हमारे जीवन को सही दिशा दिखाने वाले मार्गदर्शक होते हैं.
भारत में हर साल 05 सितंबर शिक्षक दिवस (Teacher's Day) के रूप में मनाया जाता है. स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स अपने टीचर्स के लिए खास प्रोग्राम, डांस और इवेंट्स का आयोजन करते हैं. इसके साथ ही उन्हें गिफ्ट्स भी देते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर शिक्षक दिवस के लिए 5 सितंबर की तारीख ही क्यों चुनी गई. इस तारीख को ही यह खास दिन क्यों मनाया जाता है, आइए जानते हैं..

 

5 सितंबर का महत्व...

5 सितंबर भारत के पहले उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था. वे एक महान दार्शनिक, शिक्षक और विद्वान थे. जब वे राष्ट्रपति बने, तो उनके छात्रों और दोस्तों ने उनके जन्मदिन को विशेष रूप से मनाने की बात कही. तब डॉ. राधाकृष्णन ने कहा, 'मेरा जन्मदिन अलग से मनाने की बजाय अगर इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए, तो मुझे ज्यादा खुशी होगी.' तभी से देश में हर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा.

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दुनिया में अलग-अलग टीचर्स डे
यूनेस्को (UNESCO) ने 5 अक्टूबर को वर्ल्ड टीचर्स डे (World Teachers' Day) घोषित किया है. अमेरिका, चीन, रूस जैसे कई देशों में यह दिन अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है. लेकिन भारत में यह दिन डॉ. राधाकृष्णन की जयंती से जुड़ा है, इसलिए 5 सितंबर को ही सेलिब्रेट किया जाता है.

 

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